11
निश्चय सोअन के सब हाकिम मूर्ख हैं; और फिरौन के बुद्धिमान मन्त्रियों की युक्ति पशु की सी ठहरी। फिर तुम फिरौन से कैसे कह सकते हो कि मैं बुद्धिमानों का पुत्र और प्राचीन राजाओं की सन्तान हूं?
12
अब तेरे बुद्धिमान कहां है? सेनाओं के यहोवा ने मिस्र के विषय जो युक्ति की है, उसको यदि वे जानते हों तो तुझे बताएं।
13
सोअन के हाकिम मूढ़ बन गए हैं, नोप के हाकिमों ने धोखा खाया है; और जिन पर मिस्र के गोत्रों के प्रधान लोगों का भरोसा था उन्होंने मिस्र को भरमा दिया है।
14
यहोवा ने उस में भ्रमता उत्पन्न की है; उन्होंने मिस्र को उसके सारे कामों में वमन करते हुए मतवाले की नाईं डगमगा दिया है।
15
और मिस्र के लिये कोई ऐसा काम न रहेगा जो सिर वा पूंछ से अथवा प्रधान वा साधारण से हो सके॥
16
उस समय मिस्री, स्त्रियों के समान हो जाएंगे, और सेनाओं का यहोवा जो अपना हाथ उन पर बढ़ाएगा उसके डर के मारे वे थरथराएंगे और कांप उठेंगे।
17
ओर यहूदा का देश मिस्र के लिये यहां तक भय का कारण होगा कि जो कोई उसकी चर्चा सुनेगा वह थरथरा उठेगा; सेनाओं के यहोवा की उस युक्ति का यही फल होगा जो वह मिस्र के विरुद्ध करता है॥
18
उस समय मिस्र देश में पांच नगर होंगे जिनके लोग कनान की भाषा बोलेंगे और यहोवा की शपथ खायेंगे। उन में से एक का नाम नाशनगर रखा जाएगा॥
19
उस समय मिस्र देश के बीच में यहोवा के लिये एक वेदी होगी, और उसके सिवाने के पास यहोवा के लिये एक खंभा खड़ा होगा।
20
वह मिस्र देश में सेनाओं के यहोवा के लिये चिन्ह और साक्षी ठहरेगा; और जब वे अंधेर करने वाले के कारण यहोवा की दोहाई देंगे, तब वह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजेगा, और उन्हें मुक्त करेगा।
21
तब यहोवा अपने आप को मिस्रियों पर प्रगट करेगा; और मिस्री उस समय यहोवा को पहिचानेंगे और मेलबलि और अन्नबलि चढ़ा कर उसकी उपासना करेंगे, और यहोवा के लिये मन्नत मान कर पूरी भी करेंगे।
22
और यहोवा मिस्रियों को मारेगा, वह मारेगा और चंगा भी करेगा, और वे यहोवा की ओर फिरेंगे और वह उनकी बिनती सुनकर उन को चंगा करेगा॥
23
उस समय मिस्र से अश्शूर जाने का एक राजमार्ग होगा, और अश्शूरी मिस्र में आएंगे और मिस्री लोग अश्शूर को जाएंगे, और मिस्री अश्शूरियों के संग मिलकर आराधना करेंगे॥
24
उस समय इस्राएल, मिस्र और अश्शूर तीनों मिलकर पृथ्वी के लिये आशीष का कारण होंगे।
25
क्योंकि सेनाओं का यहोवा उन तीनों को यह कह कर आशीष देगा, धन्य हो मेरी प्रजा मिस्र, और मेरा रचा हुआ अश्शूर, और मेरा निज भाग इस्राएल॥