चरण 267

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होशे 1

1 यहूदा के राजा उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह के दिनों में और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, यहोवा का वचन बेरी के पुत्र होशे के पास पहुंचा॥

2 जब यहोवा ने होशे के द्वारा पहिले पहिल बातें कीं, तब उसने होशे से यह कहा, जा कर एक वेश्या को अपनी पत्नी बना ले, और उसके कुकर्म के लड़के-बालों को अपने लड़के-बाले कर ले, क्योंकि यह देश यहोवा के पीछे चलना छोड़ कर वेश्या का सा बहुत काम करता है।

3 सो उसने जा कर दिबलैम की बेटी गोमेर को अपनी पत्नी कर लिया, और वह उस से गर्भवती हुई और उसके पुत्र उत्पन्न हुआ।

4 तब यहोवा ने उस से कहा, उसका नाम यिज्रैल रख; क्योंकि थोड़े ही काल में मैं येहू के घराने को यिज्रैल की हत्या का दण्ड दूंगा, और मैं इस्राएल के घराने के राज्य का अन्त कर दूंगा।

5 और उस समय मैं यिज्रैल की तराई में इस्राएल के धनुष को तोड़ डालूंगा॥

6 और वह स्त्री फिर गर्भवती हुई और उसके एक बेटी उत्पन्न हुई। तब यहोवा ने होशे से कहा, उसका नाम लोरूहामा रख; क्योंकि मैं इस्राएल के घराने में फिर कभी दया कर के उनका अपराध किसी प्रकार से क्षमा न करूंगा।

7 परन्तु यहूदा के घराने पर मैं दया करूंगा, और उनका उद्धार करूंगा; उनका उद्धार मैं धनुष वा तलवार वा युद्ध वा घोड़ों वा सवारों के द्वारा नहीं, परन्तु उनके परमेश्वर यहोवा के द्वारा करूंगा॥

8 जब उस स्त्री ने लोरूहामा का दुध छुड़ाया, तब वह गर्भवती हुई और उस से एक पुत्र उत्पन्न हुआ।

9 तब यहोवा ने कहा, इसका नाम लोअम्मी रख; क्योंकि तुम लोग मेरी प्रजा नहीं हो, और न मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूंगा॥

10 तौभी इस्राएलियों की गिनती समुद्र की बालू की सी हो जाएगी, जिनका मापना-गिनना अनहोना है; और जिस स्थान में उन से यह कहा जाता था कि तुम मेरी प्रजा नहीं हो, उसी स्थान में वे जीवित परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।

11 तब यहूदी और इस्राएली दोनों इकट्ठे हो अपना एक प्रधान ठहरा कर देश से चले आएंगे; क्योंकि यिज्रेल का दिन प्रसिद्ध होगा।

होशे 2

1 इसलिये तुम लोग अपने भाइयों से अम्मी और अपनी बहिनों से रूहामा कहो॥

2 अपनी माता से विवाद करो, विवाद क्योंकि वह मेरी स्त्री नहीं और न मैं उसका पति हूं। वह अपने मुंह पर से अपने छिनालपन को और छातियों के बीच से व्यभिचारों को अलग करे;

3 नहीं तो मैं उसके वस्त्र उतार कर उसको जन्म के दिन के समान नंगी कर दूंगा, और उसको मरूस्थल के समान और मरूभूमि सरीखी बनाऊंगा, और उसे प्यास से मार डालूंगा।

4 उसके लड़के-बालों पर भी मैं कुछ दया न करूंगा, क्योंकि वे कुकर्म के लड़के हैं।

5 उनकी माता ने छिनाला किया है; जिसके गर्भ में वे पड़े, उसने लज्जा के योग्य काम किया है। उसने कहा, मेरे यार जो मुझे रोटी-पानी, ऊन, सन, तेल और मद्य देते हैं, मैं उन्हीं के पीछे चलूंगी।

6 इसलिये देखो, मैं उसके मार्ग को कांटों से घेरूंगा, और ऐसा बाड़ा खड़ा करूंगा कि वह राह न पा सकेगी।

7 वह अपने यारों के पीछे चलने से भी न पाएगी; और उन्हें ढूंढ़ने से भी न पाएगी। तब वह कहेगी, मैं अपने पहिले पति के पास फिर जाऊंगी, क्योंकि मेरी पहिली दशा इस समय की दशा से अच्छी थी।

8 वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिये वह चान्दी सोना जिस को वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था।

9 इस कारण मैं अन्न की ऋतु में अपने अन्न को, और नये दाखमधु के होने के समय में अपने नये दाखमधु को हर लूंगा; और अपना ऊन और सन भी जिन से वह अपना तन ढांपती है, मैं छीन लूंगा।

10 अब मैं उसके यारों के साम्हने उसके तन को उघाडूंगा, और मेरे हाथ से कोई उसे छुड़ा न सकेगा।

11 और मैं उसके पर्व, नये चांद और विश्रामदिन आदि सब नियत समयों के उत्सवों का अन्त कर दूंगा।

12 और मैं उसकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को, जिनके विषय वह कहती है कि यह मेरे छिनाले की प्राप्ति है जिसे मेरे यारों ने मुझे दी है, उन्हें ऐसा उजाडूंगा कि वे जंगल से हो जाएंगे, और वन-पशु उन्हें चर डालेंगे।

13 और वे दिन जिन में वह बाल देवताओं के लिये धूप जलाती, और नत्थ और हार पहिने अपने यारों के पीछे जाती और मुझ को भूले रहती थी, उन दिनों का दण्ड मैं उसे दूंगा, यहोवा की यही वाणी है॥

14 इसलिये देखो, मैं उसे मोहित कर के जंगल में ले जाऊंगा, और वहां उस से शान्ति की बातें कहूंगा।

15 और वहीं मैं उसको दाख की बारियां दूंगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूंगा और वहां वह मुझ से ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी।

16 और यहोवा की यह वाणी है कि उस समय तू मुझे ईशी कहेगी और फिर बाली न कहेगी।

17 क्योंकि भविष्य में मैं उसे बाल देवताओं के नाम न लेने दूंग; और न उनके नाम फिर स्मरण में रहेंगे।

18 और उस समय मैं उनके लिये वन-पशुओं और आकाश के पक्षियों और भूमि पर के रेंगने वाले जन्तुओं के साथ वाचा बान्धूंगा, और धनुष और तलवार तोड़ कर युद्ध को उनके देश से दूर कर दूंगा; और ऐसा करूंगा कि वे लोग निडर सोया करेंगे।

19 और मैं सदा के लिये तुझे अपनी स्त्री करने की प्रतिज्ञा करूंगा, और यह प्रतिज्ञा धर्म, और न्याय, और करूंणा, और दया के साथ करूंगा।

20 और यह सच्चाई के साथ की जाएगी, और तू यहोवा को जान लेगी॥

21 और यहोवा की यह वाणी है कि उस समय मैं आकाश की सुन कर उसको उत्तर दूंगा, और वह पृथ्वी की सुन कर उसे उत्तर देगा;

22 और पृथ्वी अन्न, नये दाखमधु, और ताजे तेल की सुन कर उन को उत्तर देगी, और वे यिज्रेल को उत्तर देंगे।

23 और मैं अपने लिये उसे देश में बोऊंगा, और लोरूहामा पर दया करूंगा, और लोअम्मी से कहूंगा, तू मेरी प्रजा है, और वह कहेगा, “हे मेरे परमेश्वर"॥

होशे 3

1 फिर यहोवा ने मुझ से कहा, अब जा कर एक ऐसी स्त्री से प्रीति कर, जो व्यभिचारिणी होने पर भी अपने प्रिय की प्यारी हो; क्योंकि उसी भांति यद्यपि इस्राएली पराए देवताओं की ओर फिरे, और दाख की टिकियों से प्रीति रखते हैं, तौभी यहोवा उन से प्रीति रखता है।

2 तब मैं ने एक स्त्री को चान्दी के पन्द्रह टुकड़े और डेढ़ होमेर जव दे कर मोल लिया।

3 और मैं ने उस से कहा, तू बहुत दिन तक मेरे लिये बैठी रहना; और न तो छिनाला करना, और न किसी पुरूष की स्त्री हो जाना; और मैं भी तेरे लिये ऐसा ही रहूंगा।

4 क्योंकि इस्राएली बहुत दिन तक बिना राजा, बिना हाकिम, बिना यज्ञ, बिना लाठ, और बिना एपोद वा गृहदेवताओं के बैठे रहेंगे।

5 उसके बाद वे अपने परमेश्वर यहोवा और अपने राजा दाऊद को फिर ढूंढ़ने लगेंगे, और अन्त के दिनों में यहोवा के पास, और उसी उत्तम वस्तुओं के लिये थरथराते हुए आएंगे॥