Isinyathelo 322

Funda

     

प्रेरितों के काम 7:30-60

30 जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्ग दूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया।

31 मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु का यह शब्द हुआ।

32 कि मैं तेरे बाप दादों, इब्राहीम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर हूं: तब तो मूसा कांप उठा, यहां तक कि उसे देखने का हियाव न रहा।

33 तब प्रभु ने उस से कहा; अपने पावों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है।

34 मैं ने सचमुच अपने लोगों की र्दुदशा को जो मिसर में है, देखी है; और उन की आह और उन का रोना सुन लिया है; इसलिये उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूं। अब आ, मैं तुझे मिसर में भेंजूंगा।

35 जिस मूसा को उन्होंने यह कहकर नकारा था कि तुझे किस ने हम पर हाकिम और न्यायी ठहराया है; उसी को परमेश्वर ने हाकिम और छुड़ाने वाला ठहरा कर, उस स्वर्ग दूत के द्वारा जिस ने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा।

36 यही व्यक्ति मिसर और लाल समुद्र और जंगल में चालीस वर्ष तक अद्भुत काम और चिन्ह दिखा दिखाकर उन्हें निकाल लाया।

37 यह वही मूसा है, जिस ने इस्त्राएलियों से कहा; कि परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मुझ सा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा।

38 यह वही है, जिस ने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उस से बातें की, और हमारे बाप दादों के साथ था: उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुंचाए।

39 परन्तु हमारे बाप दादों ने उस की मानना न चाहा; वरन उसे हटाकर अपने मन मिसर की ओर फेरे।

40 और हारून से कहा; हमारे लिये ऐसा देवता बना, जो हमारे आगे आगे चलें; क्योंकि यह मूसा जा हमें मिसर देश से निकाल लाया, हम नहीं जानते उसे क्या हुआ?

41 उन दिनों में उन्होंने एक बछड़ा बनाकर, उस की मूरत के आगे बलि चढ़ाया; और अपने हाथों के कामों में मगन होने लगे।

42 सो परमेश्वर ने मुंह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया, कि आकशगण पूजें; जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है; कि हे इस्त्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे?

43 और तुम मोलेक के तम्बू और रिफान देवता के तारे को लिए फिरते थे; अर्थात उन आकारों को जिन्हें तुम ने दण्डवत करने के लिये बनाया था: सो मैं तुम्हें बाबुल के परे ले जाकर बसाऊंगा।

44 साक्षी का तम्बू जंगल में हमारे बाप दादों के बीच में था; जैसा उस ने ठहराया, जिस ने मूसा से कहा; कि जो आकर तू ने देखा है, उसके अनुसार इसे बना।

45 उसी तम्बू को हमारे बाप दादे पूर्वकाल से पाकर यहोशू के साथ यहां ले आए; जिस समय कि उन्होंने उन अन्यजातियों का अधिकार पाया, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे बाप दादों के साम्हने से निकाल दिया; और वह दाऊद के समय तक रहा।

46 उस पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया, सो उस ने बिनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान ठहराऊं।

47 परन्तु सुलैमान ने उसके लिये घर बनाया।

48 परन्तु परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, जैसा कि भविष्यद्वक्ता ने कहा।

49 कि प्रभु कहता है, स्वर्ग मेरा सिहांसन और पृथ्वी मेरे पांवों तले की पीढ़ी है, मेरे लिये तुम किस प्रकार का घर बनाओगे और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा

50 क्या ये सब वस्तुएं मेरे हाथ की बनाईं नहीं? हे हठीले, और मन और कान के खतनारिहत लोगो, तुम सदा पवित्र आत्मा का साम्हना करते हो।

51 जैसा तुम्हारे बाप दादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।

52 भविष्यद्वक्ताओं में से किस को तुम्हारे बाप दादों ने नहीं सताया, और उन्होंने उस धर्मी के आगमन का पूर्वकाल से सन्देश देने वालों को मार डाला, और अब तुम भी उसके पकड़वाने वाले और मार डालने वाले हुए।

53 तुम ने स्वर्गदूतों के द्वारा ठहराई हुई व्यवस्था तो पाई, परन्तु उसका पालन नहीं किया॥

54 ये बातें सुनकर वे जल गए और उस पर दांत पीसने लगे।

55 परन्तु उस ने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर स्वर्ग की ओर देखा और परमेश्वर की महिमा को और यीशु को परमेश्वर की दाहिनी ओर खड़ा देखकर।

56 कहा; देखों, मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्र को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूं।

57 तब उन्होंने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्द कर लिए, और एक चित्त होकर उस पर झपटे।

58 और उसे नगर के बाहर निकालकर पत्थरवाह करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े उतार रखे।

59 और वे स्तिुफनुस को पत्थरवाह करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा; कि हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।

60 फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध में सहमत था॥

प्रेरितों के काम 8

1 उसी दिन यरूशलेम की कलीसिया पर बड़ा उपद्रव होने लगा और प्रेरितों को छोड़ सब के सब यहूदिया और सामरिया देशों में तित्तर बित्तर हो गए।

2 और भक्तों ने स्तिुफनुस को कब्र में रखा; और उसके लिये बड़ा विलाप किया।

3 शाऊल कलीसिया को उजाड़ रहा था; और घर घर घुसकर पुरूषों और स्त्रियों को घसीट घसीट कर बन्दीगृह में डालता था॥

4 जो तित्तर बित्तर हुए थे, वे सुसमाचार सुनाते हुए फिरे।

5 और फिलेप्पुस सामरिया नगर में जाकर लोगों में मसीह का प्रचार करने लगा।

6 और जो बातें फिलेप्पुस ने कहीं उन्हें लोगों ने सुनकर और जो चिन्ह वह दिखाता था उन्हें देख देखकर, एक चित्त होकर मन लगाया।

7 क्योंकि बहुतोंमें से अशुद्ध आत्माएं बड़े शब्द से चिल्लाती हुई निकल गई, और बहुत से झोले के मारे हुए और लंगडे भी अच्छे किए गए।

8 और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ॥

9 इस से पहिले उस नगर में शमौन नाम एक मनुष्य था, जो टोना करके सामरिया के लोगों को चकित करता और अपने आप को कोई बड़ा पुरूष बनाता यां

10 और सब छोटे से बड़े तक उसे मान कर कहते थे, कि यह मनुष्य परमेश्वर की वह शक्ति है, जो महान कहलाती है।

11 उस ने बहुत दिनों से उन्हें अपने टोने के कामों से चकित कर रखा था, इसी लिये वे उस को बहुत मानते थे।

12 परन्तु जब उन्होंने फिलेप्पुस की प्रतीति की जो परमेश्वर के राज्य और यीशु के नाम का सुसमाचार सुनाता था तो लोग, क्या पुरूष, क्या स्त्री बपतिस्मा लेने लगे।

13 तब शमौन ने आप भी प्रतीति की और बपतिस्मा लेकर फिलेप्पुस के साथ रहने लगा और चिन्ह और बड़े बड़े सामर्थ के काम होते देखकर चकित होता था।

14 जब प्रेरितों ने जो यरूशलेम में थे सुना कि सामरियों ने परमेश्वर का वचन मान लिया है तो पतरस और यूहन्ना को उन के पास भेजा।

15 और उन्होंने जाकर उन के लिये प्रार्थना की कि पवित्र आत्मा पाएं।

16 क्योंकि वह अब तक उन में से किसी पर न उतरा था, उन्होंने तो केवल प्रभु यीशु में नाम में बपतिस्मा लिया था।

17 तब उन्हों ने उन पर हाथ रखे और उन्होंने पवित्र आत्मा पाया।

18 जब शमौन ने देखा कि प्रेरितों के हाथ रखने से पवित्र आत्मा दिया जाता है, तो उन के पास रूपये लाकर कहा।

19 कि यह अधिकार मुझे भी दो, कि जिस किसी पर हाथ रखूं, वह पवित्र आत्मा पाए।

20 पतरस ने उस से कहा; तेरे रूपये तेरे साथ नाश हों, क्योंकि तू ने परमेश्वर का दान रूपयों से मोल लेने का विचार किया।

21 इस बात में न तेरा हिस्सा है, न बांटा; क्योंकि तेरा मन परमेश्वर के आगे सीधा नहीं।

22 इसलिये अपनी इस बुराई से मन फिराकर प्रभु से प्रार्थना कर, सम्भव है तेरे मन का विचार क्षमा किया जाए।

23 क्योंकि मैं देखता हूं, कि तू पित्त की सी कड़वाहट और अधर्म के बन्धन में पड़ा है।

24 शमौन ने उत्तर दिया, कि तुम मेरे लिये प्रभु से प्रार्थना करो कि जो बातें तुम ने कहीं, उन में से कोई मुझ पर न आ पड़े॥

25 सो वे गवाही देकर और प्रभु का वचन सुना कर, यरूशलेम को लौट गए, और सामरियों के बहुत गावों में सुसमाचार सुनाते गए॥

26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलेप्पुस से कहा; उठकर दक्खिन की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह को जाता है, और जंगल में है।

27 वह उठकर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्दाके का मन्त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया था।

28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था।

29 तब आत्मा ने फिलेप्पुस से कहा, निकट जाकर इस रथ के साथ हो ले।

30 फिलेप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?

31 उस ने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उस ने फिलेप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ।

32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था; कि वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला।

33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है।

34 इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में।

35 तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।

36 मार्ग में चलते चलते वे किसी जल की जगह पहुंचे, तब खोजे ने कहा, देख यहां जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है।

37 फिलेप्पुस ने कहा, यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो हो सकता है: उस ने उत्तर दिया मैं विश्वास करता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है।

38 तब उस ने रथ खड़ा करने की आज्ञा दी, और फिलेप्पुस और खोजा दोनों जल में उतर पड़े, और उस ने उसे बपतिस्मा दिया।

39 जब वे जल में से निकलकर ऊपर आए, तो प्रभु का आत्मा फिलेप्पुस को उठा ले गया, सो खोजे ने उसे फिर न देखा, और वह आनन्द करता हुआ अपने मार्ग चला गया।

40 और फिलेप्पुस अशदोद में आ निकला, और जब तक कैसरिया में न पहुंचा, तब तक नगर नगर सुसमाचार सुनाता गया॥

प्रेरितों के काम 9:1-22

1 और शाऊल जो अब तक प्रभु के चेलों को धमकाने और घात करने की धुन में था, महायाजक के पास गया।

2 और उस से दमिश्क की अराधनालयों के नाम पर इस अभिप्राय की चिट्ठियां मांगी, कि क्या पुरूष, क्या स्त्री, जिन्हें वह इस पंथ पर पाए उन्हें बान्ध कर यरूशलेम में ले आए।

3 परन्तु चलते चलते जब वह दमिश्क के निकट पहुंचा, तो एकाएक आकाश से उसके चारों ओर ज्योति चमकी।

4 और वह भूमि पर गिर पड़ा, और यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?

5 उस ने पूछा; हे प्रभु, तू कौन है? उस ने कहा; मैं यीशु हूं; जिसे तू सताता है।

6 परन्तु अब उठकर नगर में जा, और जो कुछ करना है, वह तुझ से कहा जाएगा।

7 जो मनुष्य उसके साथ थे, वे चुपचाप रह गए; क्योंकि शब्द तो सुनते थे, परन्तु किसी को दखते न थे।

8 तब शाऊल भूमि पर से उठा, परन्तु जब आंखे खोलीं तो उसे कुछ दिखाई न दिया और वे उसका हाथ पकड़के दमिश्क में ले गए।

9 और वह तीन दिन तक न देख सका, और न खाया और न पीया।

10 दमिश्क में हनन्याह नाम एक चेला था, उस से प्रभु ने दर्शन में कहा, हे हनन्याह! उस ने कहा; हां प्रभु।

11 तब प्रभु ने उस से कहा, उठकर उस गली में जा जो सीधी कहलाती है, और यहूदा के घर में शाऊल नाम एक तारसी को पूछ ले; क्योंकि देख, वह प्रार्थना कर रहा है।

12 और उस ने हनन्याह नाम एक पुरूष को भीतर आते, और अपने ऊपर आते देखा है; ताकि फिर से दृष्टि पाए।

13 हनन्याह ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मैं ने इस मनुष्य के विषय में बहुतों से सुना है, कि इस ने यरूशलेम में तेरे पवित्र लोगों के साथ बड़ी बड़ी बुराईयां की हैं।

14 और यहां भी इस को महायाजकों की ओर से अधिकार मिला है, कि जो लोग तेरा नाम लेते हैं, उन सब को बान्ध ले।

15 परन्तु प्रभु ने उस से कहा, कि तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं, और इस्त्राएलियों के साम्हने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है।

16 और मैं उसे बताऊंगा, कि मेरे नाम के लिये उसे कैसा कैसा दुख उठाना पड़ेगा।

17 तब हनन्याह उठकर उस घर में गया, और उस पर अपना हाथ रखकर कहा, हे भाई शाऊल, प्रभु, अर्थात यीशु, जो उस रास्ते में, जिस से तू आया तुझे दिखाई दिया था, उसी ने मुझे भेजा है, कि तू फिर दृष्टि पाए और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाए।

18 और तुरन्त उस की आंखों से छिलके से गिरे, और वह देखने लगा और उठकर बपतिस्मा लिया; फिर भोजन कर के बल पाया॥

19 और वह कई दिन उन चेलों के साथ रहा जो दमिश्क में थे।

20 और वह तुरन्त आराधनालयों में यीशु का प्रचार करने लगा, कि वह परमेश्वर का पुत्र है।

21 और सब सुनने वाले चकित होकर कहने लगे; क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्ध कर महायाजकों के पास ले आए?

22 परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे देकर कि मसीह यही है, दमिश्क के रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्द करता रहा॥