गिनती 5:14

Study

       

14 और उसके पति के मन में जलन उत्पन्न हो, अर्थात वह अपने स्त्री पर जलने लगे और वह अशुद्ध हुई हो; वा उसके मन में जलन उत्पन्न हो, अर्थात वह अपनी स्त्री पर जलने लगे परन्तु वह अशुद्ध न हुई हो;


Commentary on this verse  

By Henry MacLagan

Verse 14. While still the life of the internal man is disturbed through lack of correspondence in the external, and there is the adulteration of good; or if the disturbance arise, not from lack of correspondence, but from deficiency as to truths.