गिनती 10:33

Studie

       

33 फिर इस्त्राएलियों ने यहोवा के पर्वत से प्रस्थान करके तीन दिन की यात्रा की; और उन तीनों दिनों के मार्ग में यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके लिये विश्राम का स्थान ढूंढ़ता हुआ उनके आगे आगे चलता रहा।


Komentář k tomuto verši  

Napsal(a) Henry MacLagan

Verse 33. For then the whole church advances from an obscure state of love to the Lord by successive degrees, since Divine Good and Divine Truth conjoined lead the way, through states of conflict to a state of rest and peace.