गिनती 6:21

Studie

       

21 नाज़ीर की मन्नत की, और जो चढ़ावा उसको अपने न्यारे होने के कारण यहोवा के लिये चढ़ाना होगा उसकी भी यही व्यवस्था है। जो चढ़ावा वह अपनी पूंजी के अनुसार चढ़ा सके, उससे अधिक जैसी मन्नत उसने मानी हो, वैसे ही अपने न्यारे रहने की व्यवस्था के अनुसार उसे करना होगा॥


Komentář k tomuto verši  

Napsal(a) Henry MacLagan

Verse 21. And this is the Divine law for the celestial man who devotes himself to the Lord, and is distinguished from the spiritual man by a more complete acknowledgement of the Lord; nor is it possible for him not thus to be distinguished because this is a law of Divine Order.