गिनती 9:21

Studie

       

21 और कभी कभी बादल केवल सन्ध्या से भोर तक रहता; और जब वह भोर को उठ जाता था तब वे प्रस्थान करते थे, और यदि वह रात दिन बराबर रहता तो जब बादल उठ जाता तब ही वे प्रस्थान करते थे।


Komentář k tomuto verši  

Napsal(a) Henry MacLagan

Verse 21. Also, with respect to a state of obscurity or brightness, it is the latter which leads man forward; but there are states of both successively, which do not promote any advance.