गिनती 5:10

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10 सब मनुष्यों की पवित्र की हुई वस्तुएं उसी की ठहरें; कोई जो कुछ याजक को दे वह उसका ठहरे॥


Commento a questo verso  

Da Henry MacLagan

Verse 10. But this only when the interior and external man cooperate in such acknowledgement.